Question
Is Rigveda 10:138:4 is asking to kill Non Hindus?
Answer
Well if you look at the Hindi translation of it here on Vedakosh, the complete translation says:
(धृषितः) शत्रुओं का धर्षणकर्ता दबानेवाला (अनाधृष्टानि) न धर्षण करने योग्य बलों को (वि-आस्यत्) विशेषरूप से फेंकता है (अयास्यः) अभ्रान्त-न थका हुआ (निधीन्-अदेवान्) बलनिधि नास्तिक उद्दण्ड शत्रुओं को (अमृणात्) हिंसित करता है (मासा इव सूर्यः) अपनी रश्मि से सूर्य रस खींच लेता है, उसी प्रकार (पुर्यं वसु-आददे) शत्रु के पुरि नगरी में होनेवाले धन को बल को ले लेता है (गृणानः) प्रार्थना में लाया हुआ (विरुक्मता शत्रून्-अशृणात्) विशेष तेजस्वी वज्र से शत्रुओं को मारता है ॥४॥
And if I translate the bold part in english i.e निधीन्-अदेवान्) बलनिधि नास्तिक उद्दण्ड शत्रुओं को
it means powerful atheist defiant/rude enemy and not godless. It's just another case of misinterpretation by Griffith.
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