Rig Veda - Book 01 - Hymn 097
Text: Rig Veda Book 1 Hymn 97 अप नः शोशुचदघमग्ने शुशुग्ध्या रयिम | अप नः शोशुचदघम || सुक्षेत्रिया सुगातुया वसूया च यजामहे | अप … || पर यद भन्दिष्ठ एषां परास्माकासश्च सूरयः | अप… || पर यत ते अग्ने सूरयो जायेमहि पर ते वयम | अप … || पर यदग्नेः सहस्वतो विश्वतो यन्ति भानवः | अप … || तवं हि विश्वतोमुख विश्वतः परिभूरसि | अप … || दविषो नो विश्वतोमुखाति नावेव पारय | अप … || स नः सिन्धुमिव नावयाति पर्षा सवस्तये | अप … ||...