Rig Veda - Book 08 - Hymn 73
Text: Rig Veda Book 8 Hymn 73 उदीराथां रतायते युञ्जाथामश्विना रथम | अन्ति षद्भूतु वामवः || निमिषश्चिज्जवीयसा रथेना यातमश्विना | अन्ति षद .. . || उप सत्र्णीतमत्रये हिमेन घर्ममश्विना | अन्ति षद … || कुह सथः कुह जग्मथुः कुह शयेनेव पेतथुः | अन्ति षद… || यदद्य कर्हि कर्हि चिच्छुश्रूयातमिमं हवम | अन्ति षद … || अश्विना यामहूतमा नेदिष्ठं याम्याप्यम | अन्ति षद … || अवन्तमत्रये गर्हं कर्णुतं युवमश्विना | अन्ति षद … || वरेथे अग्निमातपो वदते वल्ग्वत्रये | अनति षद … || पर सप्तवध्रिराशसा धारामग्नेरशायत | अन्ति षद… || इहा गतं वर्षण्वसू शर्णुतं म इमं हवम | अन्ति षद ....